தமிழில் லிங்காஷ்டகம் Lingashtakam in Latin Script ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिङ्गं निर्मलभासित शोभित लिङ्गम् । जन्मज दुःख विनाशक लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 1 ॥ देवमुनि प्रवरार्चित लिङ्गं कामदहन करुणाकर लिङ्गम् । रावण दर्प विनाशन लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 2 ॥ सर्व सुगन्ध सुलेपित लिङ्गं बुद्धि विवर्धन कारण लिङ्गम् । सिद्ध सुरासुर वन्दित लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् […]